Wednesday, 26 June 2013
Dedicated to Uttarakhand and Himachal flood victims :-
मौत के करीब जा रहे आस्तिक से नास्तिक होते एक इंसान की अपने प्रभु से आखिरी बात...
बेहतर ज़िन्दगी की तलाश में आया था
बदतर मौत के करीब जा रहा हूँ
सोचा था तेरे दर्शन करता चलूँ
अब सीधा तुझसे मिलने आ रहा हूँ...
अभी कल ही तो हँसना शुरू किया था
ज़िन्दगी को जैसे जीना शुरू किया था
अब अचानक तेरा मुझको ये बुलावा
मेरे अपनों को तेरे खिलाफ भड़का रहा है...
ताउम्र मेरी पापों से भरी तेरी कृपा से सराबोर रही
अब एक पल की भक्ति का ये सिला पा रहा हूँ
बेहतर ज़िन्दगी की तलाश में आया था
बदतर मौत के करीब जा रहा हूँ....
अभी कल ही तो एक आशियाना बसाया था
खुद ही उसका पता भूलता जा रहा हूँ
सोचा था तेरे दर्शन करता चलूँ
अब सीधा तुझसे मिलने आ रहा हूँ....
'Alex Dhissa'
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