Thursday 13 September 2012

कुछ को लगा हार गया हूं

I Will Try, Until I Die 
कुछ को लगा हार गया हूं
मुझ को लगा जीत गया हूं
दौड़ खत्म कहां हुई है
फैसले में अब भी वक्त बहुत है...

साथ चलना हमने शुरु किया
तेज़ दौड़ना सब ने शुरु किया
लड़खड़ा के ही तो गिरे हैं

दौड़ में तो अब भी शामिल सही...

हर दांव तुम्हारा देख चुके हैं
कुछ तीर हमारे भी सही
मोहरे तुम्हारे यूं खूब लड़े हैं
बादशाह ! बन के हम भी अड़े हैं...

तेज़.. धारा से नाव चलती नहीं
आंधियों में आग लगती नहीं
धरती पे दौड़के तुम क्या करोगे
हम आसमां में उड़ते रहेंगे...

चलो.. हर हार हमने मान ली
जीत भी तो अब बंट के रहेगी
दौड़ तो तुम जीत चुके हो
मंज़िलों पे अब कब मिलोगे...

एलेग्ज़ेण्डर ढिस्सा

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